भाई के जज़्बे को सलाम है,सीमित संसाधन होने के बाबजुद मात पिता की सेवा कर रहा है ये बंदा।इन माता पिता की ख़ुशी ख़रबोपति सिंघानिया से बहुत ज्यादा है।जैसा भी है जो कुछ भी है लेकिन बेटा सेवा दिल से(तन/मन/घन) कर रहा है।बड़े ख़ुशनसीब होते है जिन्हें ऐसे सेवा करने वाली संतानें मिलती है।
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