Tuesday, 20 February 2018

घर-घर का दरवाज़ा खटखटा रही है बहने,मजलिस लड रही है,कामयाब हो रही है



घर घर का दरवाज़ा खटखटा रही है बहने,कौम की बहने को जागरूक कर रही है।शरीयत को बचाने के लिए जागरूक कर रही है।इस लड़ाई में अपनी जमात के साथ खडे होने के लिए प्रेरितकर रही है।लोगो में बहुत उत्साह है।और हम काययाब हो रहे है हर जगह।



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