ढोल बजने लगा,रंग चढ़ने लगा।
औवेसी साहब,अपने भाषणों में मोदी पर जबरदस्त हमला कर रहे है,मुल्ला मुलायम( anti incumbency/पब्लिक मे अखिलेश की कोई value नही है/मुलायम का one man show है) पर हमला कर रहे है,मायावती (भष्टाचार/पार्कों)पर हमला कर रहे है & कांग्रेस के शिलान्यास/भष्टाचार/incompetence पर हमला कर रहे है।
ओवैसी साहब के भाषणों में,देखिये मोदी पर ज़ोरदार हमला बोलते ही कितनी ताली बजती है,पब्लिक मे कैसा जबरदस्त जोश आ जाता है।हमार मुक़ाबला सिर्फ़ मोदी से है।
जो कमाल ओवैसी साहब ने social media पर किया है,वो ही जनता के बीच भाषणों में कर रहे है।देखिये सभा में युवा ही युवा चुंबक की तरह खींचे चले आ रहे है।गरीब/किसान जनसभा में जुड़ रहे है(जो social mediaपर छुट रहे है सब कवर हो रहे है)।
खुब नारे लग रहे है(देखो-२ कौन आया..... etc),मिनट-२ पर तालीयाँ बज रही है।जबरदस्त माहौल बनता जा रहा है।कोई तुफान सा आ गया है।(ये सब काम मोदी,event Mgmt/पैसों से करते है,२०१३ तक गुजरात का खलनायक पैसे के बल पर२०१४ में वजीर बन गया)।२०१४ की हार का बदला लेना है।
पुरा प्रदेश बैनर,होर्डीग,पोस्टर,wall writing से पटा पड़ा है।जहाँ-२ सभाये होती जा रही है वहाँ-२ ओवैसी सुनामी आती जा रही है।
जय हिन्द! जय मीम! जय किसान! जय गरीब!
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