मिला लो हाथ मियाँ,जब बढ़े होगे न तब दुनिया पढ़ाओगे,कि एक था अकबरूद्दीन ओवैसी जो कौम को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए अपना जी-जान लगा दिया।
मिला लो हाथ मियाँ,जब बढ़े होगे न तब दुनिया पढ़ाओगे,कि एक था अकबरूद्दीन ओवैसी जो कौम को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए अपना जी-जान लगा दिया।
No comments:
Post a Comment