Monday, 16 January 2017

मिलकर पुकारोगे तो आ जायगा माज़ी। आओ ओवैसी बंधु की आवाज़ में आवाज़ मिला दो।। ये खामोश मिजाज़ी तुम्हे जीने नहीं देगी। इस दौर मैं अगर जीना है तो कोहराम मचा दो।।

मिलकर पुकारोगे तो आ जायगा माज़ी।
आओ ओवैसी बंधु की आवाज़ में आवाज़ मिला दो।।
ये खामोश मिजाज़ी तुम्हे जीने नहीं देगी।
इस दौर मैं अगर जीना है तो कोहराम मचा दो।।


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