Monday, 2 January 2017

फेंकू,खाने को पैसा नही है,घर की बात करते हो,ज़मीन पर आओ,गरीब की गरीबी दूर करो।

फेंकू,खाने को पैसा नही है,घर की बात करते हो,ज़मीन पर आओ,गरीब की गरीबी दूर करो।


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